नमस्कार दोस्तों! आज हम बात करेंगे उस महत्वपूर्ण बदलाव के बारे में जो भारत सरकार ने फरवरी 2025 में लाया है। इनकम टैक्स एक्ट 1961 को खत्म करते हुए एक नया टैक्स बिल पेश किया गया है, जिसमें कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं। ये बदलाव आपके सेविंग अकाउंट्स पर सीधे असर डालने वाले हैं, इसलिए इस विषय पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।
इस नए बिल के तहत, सेविंग अकाउंट में ट्रांजैक्शन लिमिट्स को लेकर कई नियम लागू होंगे। एक फाइनेंशियल ईयर में आप अपने अकाउंट में अधिकतम 10 लाख रुपये का लेनदेन कर सकेंगे। इसके अलावा, एक दिन में 1 लाख रुपये का कैश डिपॉजिट या विथड्रॉल हो सकेगा। इन बदलावों का असर आपकी वित्तीय स्थिति पर पड़ सकता है, इसलिए आइए जानते हैं इन नियमों को विस्तार से।
विशेषताएँ | सीमाएँ |
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एक फाइनेंशियल ईयर में अधिकतम ट्रांजैक्शन | 10 लाख रुपये |
एक दिन में अधिकतम कैश डिपॉजिट | 1 लाख रुपये |
एक फाइनेंशियल ईयर में एफडी की अधिकतम राशि | 10 लाख रुपये* |
करंट अकाउंट की ट्रांजैक्शन लिमिट | 50 लाख रुपये |
सीनियर सिटीजन के लिए कैश डिपॉजिट लिमिट | 5 लाख रुपये |
यूपीआई ट्रांजैक्शन लिमिट | 1 रुपये से 1 लाख रुपये |
सेविंग अकाउंट में ट्रांजैक्शन लिमिट्स
इस नए टैक्स बिल के अनुसार, आपको अपनी सेविंग अकाउंट में ट्रांजैक्शन लिमिट्स का ध्यान रखना होगा। एक फाइनेंशियल ईयर में, आप अपने सभी सेविंग अकाउंट्स के मिलाकर 10 लाख रुपये का लेनदेन कर सकते हैं। यह लिमिट आपके सभी सेविंग अकाउंट्स को मिलाकर देखी जाएगी। अगर आप इस लिमिट को पार कर जाते हैं, तो आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस मिल सकता है।
कैश डिपॉजिट और विथड्रॉल की सीमाएँ
आप एक दिन में अधिकतम 1 लाख रुपये का कैश डिपॉजिट या विथड्रॉल कर सकते हैं। अगर आप सीनियर सिटीजन हैं, तो यह लिमिट बढ़कर 5 लाख रुपये तक हो जाती है। लेकिन बार-बार इतनी बड़ी ट्रांजैक्शन करने पर आपको नोटिस मिल सकता है, क्योंकि इसे हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन माना जाएगा।
ऑनलाइन ट्रांजैक्शंस की लिमिट्स
यूपीआई, आईएमपीएस और आरटीजीएस जैसे ऑनलाइन ट्रांजैक्शंस के लिए भी अलग-अलग लिमिट्स हैं। यूपीआई के जरिए आप एक दिन में 1 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक की ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। वहीं, आरटीजीएस की मिनिमम लिमिट 2 लाख रुपये है। ध्यान रखें कि आपकी कुल ट्रांजैक्शन लिमिट 10 लाख रुपये से अधिक न हो।
एफडी करने की सीमाएँ
एक फाइनेंशियल ईयर में आप केवल 10 लाख रुपये तक की एफडी कैश डिपॉजिट करवा सकते हैं। अगर आप नियमित रूप से आयकर रिटर्न फाइल करते हैं, तो आप इससे अधिक भी कर सकते हैं। लेकिन जो लोग रिटर्न फाइल नहीं करते, उन्हें इस सीमा के भीतर रहना होगा।
नया टैक्स बिल 2025 आपके सेविंग अकाउंट्स की ट्रांजैक्शन लिमिट्स को सीधे प्रभावित करेगा। इन नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है, वरना आपको भारी पेनल्टी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए जानकारी रखना और सही तरीके से लेनदेन करना आपकी जिम्मेदारी है।
FAQ:
1. नया टैक्स बिल 2025 कब लागू होगा?
यह बिल अप्रैल 2025 से लागू होगा।
2. एक फाइनेंशियल ईयर में कितने रुपये की ट्रांजैक्शन की जा सकती है?
अधिकतम 10 लाख रुपये की ट्रांजैक्शन की जा सकती है।
3. क्या सीनियर सिटीजन के लिए अलग लिमिट्स हैं?
हाँ, सीनियर सिटीजन के लिए एक दिन में 5 लाख रुपये तक की लिमिट है।
4. ऑनलाइन ट्रांजैक्शंस के लिए क्या लिमिट है?
यूपीआई के लिए 1 लाख रुपये, जबकि आरटीजीएस के लिए 2 लाख रुपये की मिनिमम लिमिट है।
5. क्या मुझे अपने बिजनेस की आय सेविंग अकाउंट में डालनी चाहिए?
नहीं, बिजनेस की आय को आपको करंट अकाउंट में ही रखना चाहिए।
6. क्या एफडी के लिए कैश डिपॉजिट की कोई लिमिट है?
हाँ, एक फाइनेंशियल ईयर में 10 लाख रुपये तक की एफडी की जा सकती है।
7. अगर मैं ट्रांजैक्शन लिमिट क्रॉस कर दूं तो क्या होगा?
आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस मिल सकता है और भारी पेनल्टी का सामना करना पड़ सकता है।
अस्वीकरण (Disclaimer):
इस ब्लॉगपोस्ट में दी गई जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध स्रोतों और सामान्य अनुसंधान के आधार पर प्रस्तुत की गई है। हमारा उद्देश्य आपको सही और सटीक जानकारी सबसे पहले प्रदान करना है। हालांकि, किसी भी निर्णय या कदम उठाने से पहले कृपया संबंधित विषय की आधिकारिक वेबसाइट या प्रामाणिक स्रोत से सत्यापन अवश्य करें। हम किसी भी प्रकार की वित्तीय, कानूनी या अन्य पेशेवर सलाह का दावा नहीं करते हैं।

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